हैलो दोस्तों ! आज हम चर्चा करेंगे कि कैल्शियम की कमी क्यों होती है और महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या हैं ? कैल्शियम हमारे दैनिक आहार में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्त्वों में एक महत्त्वपूर्ण खनिज है .मजबूत हड्डियाँ , स्वस्थ दांत और जैविक सुरक्षा का मुख्य आधार कैल्शियम ही होता है .
शरीर में कैल्शियम की मात्रा कितनी होनी चाहिए ?
मानव शरीर में कैल्शियम बहुत मात्रा में होता है . एक वयस्क मानव शरीर में उसके वजन का 1.5 से 2 प्रतिशत भाग कैल्शियम का होता है . शरीर के कैल्शियम का 98 प्रतिशत हड्डियों में मौजूद होता है .
शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम है या अधिक यह जानने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है . एक वयस्क आदमी में प्रति डेसिलीटर रक्त में 8.5 से 10.5 mg कैल्शियम को सामान्य माना जाता है . कैल्शियम की कम मात्रा तथा अधिक मात्रा दोनों ही स्थितियां सही नहीं मानी जाती . असामान्य कैल्शियम की मात्रा कई रोगों का कारण बनता है .
विशेषज्ञों के अनुसार कैल्शियम की मात्रा का निर्धारण आयु के अनुसार होना चाहिए . उनका कहना है कि 8.5 -10.5 मिलीग्राम कैल्शियम युवाओं के लिए तो सही है किन्तु 40 की उम्र के बाद इसका उच्च स्तर 10 तक ही माना जाना चाहिए .
कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग
यदि शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो ह्रदय की धड़कन का संतुलन बिगड़ जाता है , थक्का बनने की प्रक्रिया असामान्य हो जाती है , जोड़ों में तथा कमर में दर्द की शिकायत होती है . सामान्यतः कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग निम्नलिखित हैं –
- जोड़ों में तथा कमर में दर्द होता है . ( पढ़ें – महिलाओं में कमर दर्द के कारण )
- नाखून कमजोर हो जाते हैं .
- अधिक कमी से बच्चों में रिकेट्स तथा बड़ों में ओस्टीयोपोरोसिस रोग हो जाता है .
- हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है .
- दांतों की समस्या में इजाफा होता है .
- त्वचा सम्बंधित रोग होते हैं .
- पैदल चलने पर पैरों में दर्द होता है .
- हाथ पैरों में सुन्नता आती है .
- बाल झड़ते हैं .
- मांसपेशियों में दर्द व ऐंठन का अहसास होता है .
महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण
प्रायः महिलायें घर के काम काज और बच्चों की देखभाल में इतनी व्यस्त रहती हैं कि वो खुद का ठीक से ख़याल नहीं रख पाती . इस वजह से उनका खान पान और दिनचर्या भी अववस्थित हो जाती है और यही कारण है कि उनमें कैल्शियम की कमी की संभावना पुरुषों से अधिक होती है . खून में कैल्शियम के स्तर की कमी को हाइपोकैल्सीमिया भी कहते हैं .महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण इस तरह जान सकते हैं . ( पढ़ें – महिलाओं का मोटापा कम करने के उपाय )
- थकान होना
- मांसपेशियों में जकडन होना
- नींद में कमी होना
- त्वचा में रूखापन होना
- नाखून कमजोर होना या टूटना
- बालों का झड़ना ( बाल झड़ने से कैसे रोकें ? )
- जोड़ों में दर्द होना
- सिर में दर्द होना
- घबराहट होना
- जल्दी मेनोपोज हो जाना
- दांतों एवं मसूड़ों की समस्या
- याददाश्त में कमी होना
- छाती में दर्द होना
- गर्भपात हो जाना
- एलर्जी होना
- भूख न लगना
कैल्शियम के घरेलू स्रोत
हमारे शरीर के जैविक कोशों की क्रियाशीलता के लिए कैल्शियम एक आवश्यक तत्त्व है . यह माना जाता है कि 35 की उम्र तक शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाना आसान होता है इसके बाद कैल्शियम की मात्रा बढ़ाना मुश्किल हो जाता है . हम अपने खान पान में ऐसी कौनसी चीजें शामिल कर सकते हैं जिनसे कैल्शियम की पूर्ति हो सके . हम आपको बताने जा रहे हैं कैल्शियम के घरेलू स्रोत जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं .
- दुग्ध उत्पाद – दूध , दही , पनीर आदि .
- मछली .
- सोयाबीन .
- बादाम .
- तिल.
- पालक , चौलाई .
- टोफू .
- अश्वगंधा .
- अदरक .
- जीरा .
- गुग्गुलु .
- हडजोड .
- आंवला .
- संतरा .
- अंजीर
- ब्रोंकली
दोस्तों , आशा है आपको हमारा आर्टिकल महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण पसंद आया होगा . अगले लेख में हम आपके लिए अन्य रोचक और उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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